रविवार, 28 अप्रैल 2013

सच बोलने में अब मजा नहीं है................

क्या बात है यारों
अब मैं भी भूलने लगा हूँ.......
भूलते भूलते ही सही
कुछ तो याद आने लगा है
......................................
यादों  में भी अब दर्द होता है
भूलने में भी यादे होती है
सच बोलने में अब मजा नहीं है
अब तो झूठ में ही मजा आने लगा है......

गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

हिन्दू नव वर्ष एवं नवरात्री पर्व की हार्दिक शुभकामनाये......

आप सभी को नववर्ष विक्रमी संवत २०७०, ११ अप्रैल २०१३, 
गुडी पडवा एवं नवरात्री पर्व की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाये...... 
 नया वर्ष आप सभी के जीवन में उत्साह, उमंग, सुख-समृद्धि, ऊर्जा और 
खुशियों भरे शुभ संदेश के साथ अंधेरा हौले-हौले उजाले में तब्दील होगा। 
सूर्य की किरणें वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलाएंगी। 
उगते हुए सूरज पर अर्घ्य के रूप में चढ़ती पानी की धार हर इंसान के दुखों 
को दूर कर शरीर में ऊर्जा का संचार करेंगी। नववर्ष सबके लिए सुख-संमृद्धि 
एवं वैभवपूर्ण हो, और आशा करता हूँ कि नववर्ष आप सभी के लिए मंगलमय 
एवं लक्ष्य प्राप्ति से भरपूर हो साथ ही नव वर्ष में आशानुरूप सफलता की प्राप्ति 
लिए कामना करता हूँ।

 श्याम विश्वकर्मा.......

रविवार, 7 अप्रैल 2013

भूली बिसरी यादें.......

चलो गाँव के आम की छाँव में बैठें......
भूली बिसरी यादों को ताज़ा कर बैठें.......
बचपन के खेल निराले याद कर बैठे.......
आज फिर उस खेल को खेलने बैठे.......


चलो  कही दूर चले जाते है.....
ये शहर और ये दुनियां  को छोड़ जाते है......
अपना पन  अब  दीखता ही कहा  है......
फिर से माँ की गोदी में सो जाते है.....


क्यूँ जी चाहता है की बचपन में लौट जाऊ......
क्यूँ जी चाहता है माँ का अंचल पकड कर रोऊँ......
अब तो फुर्सत ही नहीं मिलता दो पल चैन से बैठने को....
बस अब तो भाग दौड़ के दो पल की रोटी को कैसे जुटाऊं........

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